Hindi NewsNationalPoorvi Akash; Indian Army IAF Exercise Details | S 400 Air Defense Missiles
नई दिल्ली/ शिलॉन्ग2 घंटे पहले
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सेना की थिएटर कमांड बनाने के चलते सभी फोर्स में एकजुटता लाने और युद्ध के समय एक साथ ऑपरेशन करने के लिए ऐसे अभ्यास किए जा रहे हैं।
वायु सेना और आर्मी ने नॉर्थ-ईस्ट में चीन सीमा पर संयुक्त हवाई अभ्यास किया। ईस्टर्न एयर कमांड (EAC) की ओर से ‘पूर्वी आकाश’ नाम का यह सैन्याभ्यास 30 अक्टूबर से 4 नवंबर तक आयोजित किया गया। इस अभ्यास में ‘सुदर्शन’ S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को शामिल किया गया।
रक्षा अधिकारी ने बताया कि, वायु सेना के अभ्यास में S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम, राफेल और तेजस फाइटर जेट के साथ-साथ लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर प्रचंड का प्रयोग किया। अभ्यास से हमने वायु सेना और विशेष तौर पर ईस्टर्न एयर कमांड (EAC) की ऑपरेशनल तैयारियों और क्षमता को परखा है।
अधिकारियों ने बताया कि ‘पूर्वी आकाश’ अभ्यास का मकसद डिफेंसिव और ऑफेंसिव ऑपरेशन को अंजाम देना और कई खतरों में रिएक्शन सहित अपनी एयर पावर का इस्तेमाल करना था। ये सभी ऑपरेशन न सिर्फ दिन में बल्कि रात में भी अंजाम दिए गए थे।
‘पूर्वी आकाश’ अभ्यास के दौरान एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रक्षा अधिकारियों के साथ तस्वीर ली।
CDS और एयर चीफ मार्शल शामिल हुएपूर्वी आकाश अभ्यास के दौरान वायु सेना के एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी पूर्वोत्तर सेक्टर में मौजूद रहे। पूर्वी आकाश की शुरुआत के समय चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शिलॉन्ग में टेबलटॉप अभ्यास में हिस्सा लिया था।
CDS और तीनों सेनाओं के चीफ एक साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं कि सभी फोर्स एकजुट होकर एक यूनिट की तरह काम कर सकें। भविष्य में अगर युद्ध की नौबत आती है तो हमारी सेनाएं एक साथ युद्ध लड़ सकें, इसके लिए थिएटर कमांड्स बनाने की तैयार की जा रही है।
460 मीटर के रनवे पर टैकऑफ करने और सिर्फ 6500 किलो वाला तेजस एक साथ दस लक्ष्यों को साध सकता है।
पहली बार प्रचंड हेलिकॉप्टर ने एडवांस ग्रांउड पर लैंड किया, तेजस-चिनूक भी एक्सरसाइज में शामिल
इस अभ्यास में देसी लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर प्रचंड को पहली बार अधिक ऊंचाई वाले एडवांस लैंडिंग ग्राउंड पर उतारा गया। वहीं, प्रचंड ने दूसरे कॉम्बेट प्लेटफॉर्म और सिस्टम के साथ-साथ थल सेना के साथ अभ्यास किया।साथ ही भारत में विकसित लाइट कॉम्बेट ‘तेजस’ एयरक्राफ्ट और हेवी-लिफ्ट ‘चिनूक’ हेलिकॉप्टर को अभ्यास के कई मिशन में शामिल किया गया था।रूस से आयात किए गए S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने ‘सुदर्शन’ नाम दिया है। सुदर्शन चक्र भगवान श्री कृष्ण का प्रमुख अस्त्र है।
आर्मी और गरुड़ फोर्स ने भी भाग लियारक्षा अधिकारी ने बताया कि इस अभ्यास में भारतीय सेना की ईस्टर्न कमांड ने भी भाग लिया। आर्मी और वायु सेना ने साथ मिलकर पूर्वी क्षेत्र के कई तरह के चुनौतीपूर्ण इलाकों में अभ्यास किया। इस एक्सरसाइज के तहत पूर्वी क्षेत्र को एक्टिवेट करने ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
आर्मी के स्पेशल फोर्स के साथ गरुड़ स्पेशल फोर्स ने भी इस अभ्यास में भाग लिया। युद्ध की वास्तविक परिस्थितियों को जानने के लिए इन दोनों फोर्स के एयर डिफेंस हथियार को भी अभ्यास में शामिल किया गया था।
EAC के नियंत्रण में 12 राज्यों की एयर डिफेंसरक्षा अधिकारी ने कहा कि ईस्टर्न एयर कमांड (EAC) भारतीय वायु सेना की एक शक्तिशाली और घातक कमांड है, जोकि पूर्वोत्तर के 7 राज्यों समेत 12 राज्यों के 3 लाख वर्ग किमी से अधिक की हवाई सीमा की सुरक्षा करती है।
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